नया आधार कार्ड प्राप्त करने का तरीका
आधार कार्ड प्राप्त करने का तरीका? ये एक प्रक्रिया है जिसमें एक
के बाद एक काम को पूरा करके आधार कार्ड के लिए आवेदन किया जा सकता है।
आवेदक को
आधार एनरोलमेंट के समय ज़रूरी जानकारी देनी होती है और जब डेटा की जांच हो जाती है, तो आधार कार्ड जारी किया जाता
है। आवेदन के बाद ये जानना की आधार बनने में कितना समय लगेगा इस बात को ऑनलाइन जान
सकते हैं, इसे आधार
एनरोलमेंट स्टेटस कहते हैं। आइए आधार कार्ड की आवेदन प्रक्रिया को स्टेप बाय स्टेप
देखें :
- आधार एनरोलमेंट सेंटर: सबसे पहले अगर कोई व्यक्ति आधार कार्ड के
लिए आवेदन करना चाहता है तो उसे आधार एनरोलमेंट सेंटर कहाँ है, यह देखना होगा I उसे जगह का पता
लगाना होगा और फिर उस आधार एनरोलमेंट सेंटर पर जाना होगा जिसे UIDAI की मान्यता
प्राप्त है। आप UIDAI के पोर्टल का इस्तेमाल कर ऑनलाइन सेंटर का पता लगा सकते हैं। उस व्यक्ति को
ऑथोराइज़्ड सेंटर जाते समय अपना पहचान का प्रमाण और पते का प्रमाण जहाँ वह
रहता है,
साथ में लेकर जाना चाहिए।
- फॉर्म भरें : आधार कार्ड के एनरोलमेंट के लिए आधार
एनरोलमेंट फॉर्म ऑथोराइज़्ड सेंटर में मिलता है। यह फॉर्म मुफ़्त
दिया जाता है और आपको इस फॉर्म को पूरा भरना होता है। यह फॉर्म इंटरनेट पर भी उपलब्ध है ताकि
आप इसे आसानी से डाउनलोड कर प्रिंट कर सकें और भर सकें। फॉर्म भरने के बाद
समय बचाते हुए इसे एनरोलमेंट सेंटर पर जमा करा दें।
- फोटोग्राफ और बायोमेट्रिक डेटा कलेक्शन : फॉर्म जमा होने के
बाद एनरोलमेंट की प्रक्रिया शुरू होती है, जिसमे व्यक्ति की फोटो, फिंगरप्रिंट स्कैन
और आईरिस स्कैन (उँगलियों के निशान और आँखों की पुतलियों की पहचान) ली जाती
है । एनरोलमेंट के समय यह बहुत ही ज़्यादा ज़रूरी है कि आप जो भी जानकारी फॉर्म
में भरें उन्हें दो बार चेक करें और अगर कोई गलती है तो उसे सही करके ही
फॉर्म जमा करें।
- एक्नॉलेजमेंट स्लिप : एनरोलमेंट के बाद आवेदक को एक
एक्नॉलेजमेंट स्लिप मिलती है जो उसे तब तक काम आती है जब तक कि आधार कार्ड की
ऑरिजिनल कॉपी न मिल जाए। इस स्लिप में एक एनरोलमेंट नंबर होता है, जिससे आप अपना
आधार स्टेटस ऑनलाइन या IVR की मदद से चेक कर सकते हैं।
- आधार कार्ड का जारी होना: ओरिजिनल आधार
कार्ड जारी होने से पहले, व्यक्ति ने जो भी डेटा दिया है, केंद्र सरकार की एजेंसी UIDAI उसे वेरीफाइ (उसके
सही गलत की पहचान) करती है। सही तरीके से वेरीफाइ होने के बाद ही व्यक्ति को
आधार कार्ड जारी होता है।
- आवेदक के पते पर आधार को भेजना : अगर आधार
वेरिफिकेशन प्रक्रिया पूरा हो चुकी है, तो आवेदक को सबसे पहले एक SMS से या ई -मेल से
सुचना मिलती है । फिर कुछ ही दिनों में आधार नंबर, आधार कार्ड पर
प्रिंट किया जाता है और उसे वेरीफाई किए गए पते पर डाक द्वारा भेजा जाता है।
आधार कार्ड के लिए योग्यता मानदंड
आधार को
भारत में रहने वाले लोगों के लिए इसलिए लागू किया गया था जिससे कि वो एक ही पहचान
पत्र को कई जगह इस्तेमाल कर सकें। यह सिर्फ एक पहचान पत्र नंबर से कहीं ज्यादा
है। हालांकि ऐसी बात नहीं है कि सिर्फ भारतीय आधार कार्ड के लिए आवेदन कर सकते हैं । आधार के लिए
योग्यता मानदंड इतना भी मुश्किल नहीं है जितना कि सबको लगता है । एक व्यक्ति आधार
के लिए आवेदन कर सकता है अगर :
- वह भारत में रहने वाला एक भारतीय नागरिक
है,
या
- वह भारत में रहने वाला एक अनिवासी
भारतीय/नॉन रेजिडेंट इंडियन है, या
- वह भारत में रहने वाला एक विदेशी है
- यहाँ तक कि नवजात शिशु भी आधार बनाने
के लिए योग्य हैं
भारत में रहनेवालों के लिए आधार कार्ड
प्रत्येक
भारतीय नागरिक आधार कार्ड के लिए आवेदन कर सकता है और नंबर पा सकता है। सरकार ने
अब टैक्स देने वालों के लिए अपने आयकर रिटर्न ( इनकम टैक्स रिटर्न) भरते समय पैन
को आधार के साथ जोड़ना जरूरी कर दिया है।
नाबालिगों(माइनर्स) के लिए आधार कार्ड
मतदाता
पहचान कार्ड के विपरीत आधार कार्ड नाबालिगों के लिए भी जारी किये जा सकते हैं।
उन्हें बस पहचान के सबूत के तौर पर अपना बर्थ सर्टिफिकेट (जन्म प्रमाणपत्र) और
अपने माँ-बाप का पहचान और पता प्रमाण जमा करना है । नवजात शिशु भी आधार के लिए एनरोल कर सकते
हैं ।हालांकि, जैसे ही
वे 5 से 15 साल की उम्र में आते हैं उन्हें
अपना बॉयोमेट्रिक डेटा अपडेट करना होगा। 5 साल से कम उम्र के बच्चों के
आधार कार्ड नीले रंग के होते हैं।
विदेशियों के लिए आधार
आधार
भारत की नागरिकता का सबूत नहीं है। इसमें सिर्फ किसी व्यक्ति की पहचान के लिए
ज़रूरी जानकारी होती हैं। इस तरह से, जो लोग भारत में रह रहे हैं और
चाहे उनके पास किसी और देश की नागरिकता हो, आधार के लिए आवेदन कर सकते हैं
और आधार के ज़रिए कईं सुविधाओं का फायदा उठा सकते हैं । हालांकि
उन्हें इन सुविधाओं को पाने के लिए पिछले 12 महीनों में 182
दिनों से
ज्यादा दिनों तक भारत में रहना होगा। ।इस तरह से, यह बात साफ़ है कि भारत में रहने
वाला कोई भी व्यक्ति आधार के लिए आवेदन कर सकता है ।
आधार कार्ड के लिए जरूरी दस्तावेजों की लिस्ट
आवेदकों को एनरोलमेंट के समय दो दो दस्तावेज जमा करने होते हैं – पते का प्रमाण (POA) और पहचान का प्रमाण (POI) । UIDAI इनमें से किसी भी दस्तावेज को उस व्यक्ति के
पहचान के सबूत के तौर पर स्वीकार करेगा। इन दस्तावेजों में व्यक्ति का नाम और
फोटोग्राफ होता है जो पहचान के प्रमाण के तौर पर काम करता है । यहाँ आधार कार्ड के लिए ज़रूरी डाक्यूमेंट्स की लिस्ट दी जा रही है जो आधार के लिए आवेदन करते समय
लगते हैं:
- आवेदक का पासपोर्ट
- पैन कार्ड
- राशन कार्ड या PDS फोटो कार्ड
- मतदाता पहचान पत्र
- ड्राइविंग लाइसेंस
- NREGS जॉब्स कार्ड
- फोटो बैंक एटीएम कार्ड
- मतदाता पहचान पत्र
- आवेदक का जन्म प्रमाण पत्र
आधार
कार्ड की ऑफिशिअल वेबसाइट https://uidai.gov.in पर जाकर लोग न केवल नए आधार के लिए बल्कि
आधार में अपनी जानकारी भी अपडेट करने के लिए आवेदन फॉर्म डाउनलोड कर सकते हैं। यह आधार कार्ड एनरॉलमेंट फॉर्म सभी आधार एनरॉलमेंट सेंटर्स पर
भी मुफ़्त मिलता है। आधार आधार बनाने की प्रक्रिया शुरू करने के लिए आवेदक को
पूरा फॉर्म सही ढंग से भरना होगा और साथ ही में लगने वाले ज़रूरी दस्तावेज जमा करने होंगे।
आधार
भारत सरकार द्वारा भारत में रहने वाले सभी लोगों को एक विशेष पहचान नंबर देने के
लिए के लिए शुरू की गई एक योजना है। इसलिए सरकार ने यह सेवा मुफ्त कर
दी है और इसके साथ किसी भी तरह के कोई शुल्क जुड़े हुए नहीं हैं। बुनियादी ढांचे
(इंफ्रास्ट्रक्चर, लोजिस्टिक्स)
और सुविधाओं सहित सभी खर्चे भारत सरकार ही उठाती है। हालांकि, अगर आप अपने आधार कार्ड में
जानकारी अपडेट करना चाहते हैं, तो आवेदक से 25 रुपये का शुल्क / फ़ी ली जाती है।
आधार कार्ड के फायदे
आधार
नंबर एक विशेष पहचान नंबर है जो देश के हर कोने में, हर व्यक्ति के लिए माना जाने
वाला एक पहचान प्रमाण है। आधार कार्ड के कई फायदे हैं जिनका लाभ भारत में रहने
वाले लोग ले सकते हैं अगर वो आधार कार्ड बनवाने, रजिस्टर करने का फ़ैसला करते हैं
तो। हालांकि, आधार
कार्ड का रजिस्ट्रेशन ज़रूरी नहीं है, फिर भी लोगो को आधार कार्ड के
लिए आवेदन करना चाहिए क्योँकि हर कोई इस कार्ड की अहमियत महसूस करता है। ज़्यादातर बैंक की योजनाओं
और इनकम टैक्स (आय कर) से जुड़े फॉर्म्स में आधार कार्ड की जानकारी देना ज़रूरी होता
है। आइए, भारत में
आधार कार्ड से होने वाले फायदों को देखें:
आइडेंटिटी कार्ड / पहचान पत्र
आधार
सबसे भरोसेमंद और विश्वसनीय पहचान पत्रों में से एक बन गया है। इसमें सिर्फ कार्ड
होल्डर की फोटो ही नहीं बल्कि बायोमेट्रिक जानकारी जैसे की फिंगरप्रिंट्स, आईरिस इमेज (उँगलियों के निशान
और आँखों की पुतलियों की पहचान) भी होती हैं। आधार कार्ड में QR कोड भी होता है जिसे स्कैन करके
हम कार्ड में मौजूद जानकारी सही है या नहीं ये देख सकते हैं। यह आधार को और भी
ज़्यादा ज़रूरी पहचान प्रमाण बना देता है ।
निवास का प्रमाण
आधार
कार्ड में कार्ड धारक का आवासीय पता होता है। इस प्रकार लगभग सभी सरकारी और
गैर-सरकारी वेरिफिकेशन प्रक्रियाओं में पता प्रमाण के रूप में इसका इस्तेमाल किया जा
सकता है। आपकी वित्तीय / फाइनेंशियल ज़रूरतों को पूरा करने के लिए होम लोन, पर्सनल लोनइत्यादि के लिए आवेदन
करते समय आधार को पते का पुख़्ता प्रमाण भी माना जाता है।
सरकारी सब्सिडी
सरकार ने
अलग-अलग योजनाओं के तहत सब्सिडी का फ़ायदा लेने के लिए आधार के साथ अपने
बैंक खातों को जोड़ना अनिवार्य कर दिया है। पहल, अटल पेंशन योजना, केरोसिन सब्सिडी, स्कूल सब्सिडी, फ़ूड सब्सिडी जैसी और योजनाओं के
तहत सीधे बैंक खाते में सब्सिडी प्राप्त करने के लिए, लोगों को आधार के बारे में
बताना अनिवार्य है।
बैंक खाते
इन दिनों
बैंक में अकॉउंट खोलने के लिए आधार पहली ज़रूरत बन गया है। ज़्यादातर बैंकों में
आवेदक का बैंक अकॉउंट खोलने के लिए केवल आधार कार्ड और पैन कार्ड की ज़रूरत होती
है। जन धन खातों में भी आवेदक के आधार की ही ज़रूरत होती है। आप अपने आधार का उपयोग
करके Paisabazaar.com पर सेविंग्स अकॉउंट के लिए भी आवेदन कर सकते हैं।
इनकम टैक्स (आय कर)
इनकम
टैक्स डिपार्टमेंट ने टैक्स देने वालों के लिए आधार को पैन से जोड़ना ज़रूरी कर दिया है । इनकम टैक्स
भरने और रिटर्न फाइल करने के दौरान अब आधार पूरी तरह से ज़रूरी होगा नहीं तो टैक्स
देने वालों के ITR आवेदन पर कार्यवाही शुरू नहीं होगी।
गैस कनेक्शन
लोगों को
नया गैस कनेक्शन लेने के लिए अपना आधार देना होगा। अगर वे अपने मौजूदा गैस कनेक्शन
पर सब्सिडी का लाभ उठाना चाहते हैं, तो उन्हें पहले डीबीटीएल (DBTL) योजना के तहत सीधे अपने बैंक
खाते में सब्सिडी पाने के लिए KYC फॉर्म भरना होगा और आधार को अपने बैंक अकॉउंट से जोड़ना
होगा।
म्यूचुअल फंड
आधार
कार्ड का इस्तेमाल करके, आप सेबी
(SEBI) द्वारा ज़रूरी म्यूचुअल फंड निवेश के लिए
ई-केवाईसी(e-KYC) भी पूरा कर सकते हैं । पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन पूरी की जा
सकती है और अगर आपके पास आधार कार्ड है तो ज़रूरी कागज़ आपको खुद जमा कराने होंगे।
नोट : म्यूचुअल फंड अकॉउंट के लिए कुल
ई-केवाईसी(e-KYC) की मौजूदा सीमा 50,000 रुपये प्रति फंड प्रति वर्ष है।
इस सीमा से ज्यादा करने के लिए, व्यक्तिगत तौर पर निवेशक को बॉयोमेट्रिक वेरिफिकेशन को पूरा
करने की ज़रूरत है।
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